अरे कोई मुह बंद करो इसका

ये क्या हो गया है तोगड़िया को। उन्हें क्या लगता है ऐसे ऊल जलूल बयान देकर वह हिन्दुओं का भला कर रहे हैं या देश को दंगों की भयानक आग में झोंकने की साजिश का हिस्सा बन रहे हैं।जरूरत है कि खुद मोदीजी तोगड़िया के बयान की न सिर्फ निंदा करें बल्कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश भी करें। अभी गुजरात के दंगों के दाग धुले नहीं है जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य प्रायोजित हिंसा का सबसे खराब उदाहरण है। चुनाव आयोग ने भाषण की सीडी तलब की है, ऐसे नेता पर तो आजीवन प्रतिबन्ध लग जाना चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के नेता प्रवीण तोगड़िया के एक बयान ने चुनावी माहौल को तल्ख़ कर दिया है। जिसमें हिन्दुओं को सीधे सीधे एक वर्ग के खिलाफ आकामक ढंग से उकसाने की कार्रवाई की गयी है। तमाम राजनीतिक दलों ने इस पर आपत्ति जताई है। एनडीटीवी तोगड़िया के इस कथित बयान के पुष्ट होने की बात नहीं कर रहा है। रविवार को अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक, प्रवीण तोगड़िया ने भावनगर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि मुसलमानों को हिन्दू इलाकों में सपंत्ति खरीदने से रोका जाना चाहिए। इतना ही नहीं, ऐसे मुसलमानों के घर पर जबरन कब्जा करने की अपील भी तोगड़िया ने समर्थकों से की। रिपोर्ट के अनुसार, अब इस घर के बाहर पुलिस की सुरक्षा लगा दी गई है।
वहीं, आरएसएस के प्रवक्ता राम माधव ने साफ कहा है कि उनकी तोगड़िया जी से बात हुई है और उन्होंने ऐसा कोई बयान दिए जाने से इनकार किया है। यह अच्छा तरीका है पहले आग लगाओ फिर हाथ झाड़कर किनारे खड़े हो जाओ और कहो मै निर्दोष हूँ सारा कसूर इस जबान का है जो फिसल जाती है। इस पूरे मुद्दे पर भाजपा मौन है उसकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा है कि तोगड़िया को इलाज की जरूरत है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। भाजपा के सहयोगी दल अकाली दल ने भी इस बयान की निंदा की है। आश्चर्य है कि अभी तक सिर्फ दो ही नेताओं ने निंदा की है। 

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