वाराणसी में मोदी के मुकाबले कांग्रेस से अजय राय
लम्बे इंतज़ार के बाद कांग्रेस ने आखिर वाराणसी संसदीय सीट से स्थानीय पिंडरा क्षेत्र के विधायक अजय राय पर भरोसा करते हुए उन्हें नरेंद्र मोदी के मुकाबले उतार दिया। कांग्रेस का यह स्थानीय का दांव कामयाब हो सकता है। क्योंकि मुरली मनोहर जोशी से आजिज बनारस की जनता को अब कोई बाहरी नहीं स्थानीय प्रतिनिधि की दरकार है। कांग्रेस ने इस बहाने पूर्वांचल की भूमिहार लॉबी को भी साधने की कोशिश की है। अजय राय की मुस्लिमों में भी अच्छी पकड़ है और उन्हें इसका लाभ मिल सकता है। भाजपा से नाराज लोग भी उनके साथ जा सकते हैं। अब बनारस का चुनाव परवान चढ़ेगा कुल मिलाकर जो भी होगा मजा आएगा।
देखना ये है कि कांग्रेस अजय राय को शहीद करवाने के लिए लड़ा रही है या इस नाम को लेकर टक्कर देने का इरादा है। अजय राय की दावेदारी दमदार हो सकती है यदि कांग्रेस नेतृत्व बैक अप दे। अजय राय के बहाने पूर्वांचल की भूमिहार लॉबी को भी एकजुट किया जा सकता है और कई सीटों पर असर डाला जा सकता है। यदि सोनिया गांधी , प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के साथ पार्टी के दिग्गज प्रचार में उतर जाएं। अजय राय को स्थानीय होने का लाभ भी मिल सकता है। बशर्ते अजय राय युद्ध शुरू होने से पहले ही हथियार न डाल दें।
देखना ये है कि कांग्रेस अजय राय को शहीद करवाने के लिए लड़ा रही है या इस नाम को लेकर टक्कर देने का इरादा है। अजय राय की दावेदारी दमदार हो सकती है यदि कांग्रेस नेतृत्व बैक अप दे। अजय राय के बहाने पूर्वांचल की भूमिहार लॉबी को भी एकजुट किया जा सकता है और कई सीटों पर असर डाला जा सकता है। यदि सोनिया गांधी , प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के साथ पार्टी के दिग्गज प्रचार में उतर जाएं। अजय राय को स्थानीय होने का लाभ भी मिल सकता है। बशर्ते अजय राय युद्ध शुरू होने से पहले ही हथियार न डाल दें।
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