हो ली की शुभकामनाएं।

सभी  मित्रों, मित्राणियों, भाइयों भौजाइयों को हो ली की शुभकामनाएं। ऐसा नहीं है कि यह सूखी सूखी बधाई है। इसमें बड़े जतन से साल भर से संजो कर रखी मिठास है। चलो शुरुआत करते हैं होली की। १६ मार्च की रात में जब होलिका जले तो मुझ जैसे जितने भी नालायक भाई , देवर मित्र , सम्बन्धी आपके बहुत करीबी अपने जिनके लिए या जिनके प्रति आपके मन में चाहे जितना भी गुस्सा हो नाराजगी हो उसे उस होलिका की आग में जला देना। और ऐसा करते हुए होलिका की आग को ताप भी लेना सच में रात में सोएंगे तो बहुत हल्का महसूस करेंगे। फिर अगले दिन जब कोई आपके गाल पर रंग लगाए तो अबीर के रूप में उसे महसूस कर लेना। आपके गालों की छुअन नशीली हो जाएगी , जब कोई गले लगाए तो भी करना। रंग में सराबोर हो जाने पर भी …।  तभी तो मदनोत्सव का रंग सिर चढ़कर बोलेगा। मैंने तो खुद को अपनी एक मात्र प्रेयसी जो चन्द्र मुखी से सूर्य मुखी और अब ज्वाला मुखी हो चुकी हैं के रंग में रंग लिया है। लेकिन तरंग बढ़ न जाए और रंग में भंग न हो जाए तो प्यार की झप्पी के साथ हैप्पी होली। बोलो जय हो कामदेव की जय हो रति की। 

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